Publisher | Manjul Publishing House Pvt. Ltd. |
ISBN 13 | 9788183225908 |
ISBN 10 | 818322590X |
Book Description | डॉ. बशीर बदà¥à¤° के शेरों में जज़à¥à¤¬à¥‡ और à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ की जो घà¥à¤²à¤¾à¤µà¤Ÿ मिलती है वो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दूसरे शायरों से न सिरà¥à¤«à¤¼ अलग करती है बलà¥à¤•à¤¿ उनमें ग़ज़ल की आम लफ़ज़ियात से शऊरी गà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼ और इरà¥à¤¦ गिरà¥à¤¦ के माहौल से उनकी ज़ेहनी कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¤ उन तबà¥à¤¦à¥€à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का इशारा बनती है जो बाद में ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सफ़ाई और चतà¥à¤°à¤¾à¤ˆ के साथ उनकी ग़ज़ल की शिनाख़à¥à¤¤ मानी जाती है . बशीर बदà¥à¤° की आवाज़ दूर से पहचानी जाती है . |
Language | Hindi |
Author | DR BASHIR BADRA |
Publication Date | 42230 |
Number of Pages | 210 pages |
MUSAFIR